नई दिल्ली, 21 मई . भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में राष्ट्रीय महिला आयोग एक विशेष अभियान ‘यशोदा एआई’ का शुभारंभ कर रहा है.
यह देशव्यापी कार्यक्रम भारत की महिलाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षित कर डिजिटल युग में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करेगा.
इस अभियान का शुभारंभ बरेली के महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय में 22 मई को दोपहर 12:15 पर किया जाएगा.
‘यशोदा एआई’ का लक्ष्य देश के कोने-कोने में पहुंचकर महिलाओं को तकनीक में दक्ष बनाना है. पहले चरण में आयोग का उद्देश्य 2 लाख से भी अधिक महिलाओं को इसका लाभ पहुंचाना है.
यह पहल केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक अभियान है, जिसके माध्यम से स्कूल और कॉलेज की छात्राओं, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्यों, आशा कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को एआई में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
इस अभियान के पीछे राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर का कहना है, ”यशोदा एआई के माध्यम से हम भारत की महिलाओं को सिर्फ टेक्नोलॉजी का उपयोग करना नहीं सिखाएंगे, साथ ही उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाएंगे. हर महिला एक एआई सखी बनेगी, जो न केवल अपने परिवार और समाज का मार्गदर्शन करेगी, बल्कि ‘डिजिटल इंडिया’ का नेतृत्व भी करेगी.”
यशोदा एआई अभियान के अंतर्गत महिलाओं को एआई टूल्स पर केंद्रित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान भागीदारों को स्थानीय भाषा में पाठ्यक्रम सामग्री, वर्कशॉप्स और डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करने का व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाएगा.
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एसके/एबीएम
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