Mumbai , 23 अगस्त . विश्लेषकों ने Saturday को कहा कि घरेलू शेयर बाजार ने सप्ताह की शुरुआत मजबूती से की, जो जीएसटी को रेशनलाइज बनाने को लेकर आशावाद से प्रेरित था. उन्होंने आगे कहा कि इस सप्ताह भारत की दोहरी रणनीति पर जोर दिया गया, जिसमें बाहरी चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ घरेलू विकास को गति देने वाले कारकों को मजबूत करना शामिल रहा.
इसके अलावा, एसएंडपी द्वारा सॉवरेन रेटिंग में सुधार ने निवेशकों के बीच विश्वास को मजबूत किया.
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “हालांकि, सप्ताह के अंत में तेजी धीमी पड़ गई क्योंकि निवेशक मुनाफावसूली और बाहरी चुनौतियों के कारण सतर्क हो गए. 10 ईयर भारतीय सरकारी बॉन्ड यील्ड में तेज़ी ने भी जीएसटी सुधारों के मद्देनजर राजकोषीय स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.”
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार इस बात पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा है कि रूसी तेल के आयात से जुड़े भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ अगले सप्ताह लागू होंगे या नहीं.
अमेरिका में, फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष द्वारा Friday को जेरोम पॉवेल ने सुझाव दिया कि ब्याज दरों में जल्द ही कटौती हो सकती है. डॉव जोन्स इंडेक्स ने 900 से ज्यादा अंकों की बढ़त के साथ एक नया इंट्रा-डे रिकॉर्ड बनाया.
पीएल कैपिटल के अर्थशास्त्री अर्श मोगरे के अनुसार, भारतीय नीति निर्माताओं ने 20 अरब डॉलर के जीएसटी-संचालित उपभोग प्रोत्साहन को आगे बढ़ाया. साथ ही अनुपालन को आसान बनाने और घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए एक आधुनिक आयकर अधिनियम लागू किया. इन कदमों से सकल घरेलू उत्पाद में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.
आरबीआई ने अपने 4 प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य की पुष्टि की, जो अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद मौद्रिक नीति में निरंतरता का संकेत देता है.
मोगरे ने कहा, “वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 6.5-6.7 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि के साथ, गति ठोस बनी हुई है, हालांकि निकट भविष्य के जोखिम अमेरिकी मौद्रिक संकेतों और ट्रेड फ्रिक्शन पर निर्भर हैं. कुल मिलाकर, भारत का वृहद रुख सक्रिय राजकोषीय समर्थन, नीतिगत विश्वसनीयता और वैश्विक अनिश्चितता के प्रति मजबूती से परिभाषित होता है.”
Friday को, सेंसेक्स 693.86 अंक या 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,306.85 पर बंद हुआ. निफ्टी 213.65 अंक या 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,870.10 पर बंद हुआ.
विश्लेषकों के अनुसार, अनुकूल मानसून, कम ब्याज दरों और अप्रत्यक्ष कर राहत से कंजम्पशन सेक्टर को लाभ होने की संभावना है.
–
एसकेटी/
You may also like
जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक सितंबर की शुरुआत में, दो स्लैब स्ट्रक्चर पर लिया जाएगा फैसला
तमिलनाडु : सीएम स्टालिन ने पूर्व सीपीआई नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी के निधन पर जताया दुख
टोक्यो पहुंचे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली, जापानी प्रधानमंत्री इशिबा से करेंगे शिखर वार्ता
बैंक धोखाधड़ी मामला : रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के छह ठिकानों पर सीबीआई की रेड
रोडवेज बस-बोलेरो की टक्कर में तीन महिलाओं सहित चार की मौत, चार घायल