New Delhi, 6 अगस्त . भागदौड़ भरी जिंदगी, घंटों तक एक ही मुद्रा में बैठना या खड़े रहना, और बढ़ती उम्र… ये सभी कारण आज लोगों में पैरों और मांसपेशियों के दर्द की प्रमुख वजह बन गए हैं. ऐसे में योगासन एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है, जो न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि पैरों की मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों को मजबूती भी देता है. अगर आपको अक्सर पैरों या पीठ में दर्द की समस्या रहती है, तो कुछ आसन आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते है.
वृक्षासन: वृक्षासन यानी ‘ट्री पोज’ संतुलन के साथ शरीर को मजबूती भी देता है. खासकर पैरों और कूल्हों की हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है. इस आसन में एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को जांघ पर रखा जाता है और हाथों को ऊपर नमस्कार मुद्रा में जोड़ते हैं. यह आसन शरीर के निचले हिस्से में संतुलन बनाकर मांसपेशियों को सक्रिय करता है. इसके नियमित अभ्यास से जांघ, पिंडली और टखनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. साथ ही, मानसिक एकाग्रता को भी बढ़ाता है.
सेतुबंधासन: सेतुबंधासन भी दर्द से राहत के लिए लाभकारी है. इसे ब्रिज पोज कहा जाता है. यह रीढ़, कूल्हे और पैरों की मांसपेशियों के लिए काफी प्रभावी है और दर्द से राहत दिलाता है. इस आसन में पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ते हुए कूल्हों को ऊपर उठाया जाता है. यह मुद्रा शरीर में रक्त संचार को बेहतर करती है और थकी हुई मांसपेशियों को आराम देती है. नियमित अभ्यास से मांसपेशियों में लचीलापन आता है.
चक्रासन: चक्रासन पूरे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसे ‘व्हील पोज’ कहा जाता है. इस आसन में पूरे शरीर में स्ट्रेचिंग होती है, जिससे मांसपेशियों में आई अड़कन दूर होती है और पीठ, कंधों और पैरों को मजबूती मिलती है. इस आसन के अभ्यास से रीढ़ और पैरों की जकड़ी हुई नसों को आराम मिलता है. जो लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं, उनके लिए यह योगासन खासतौर से लाभदायक है.
भुजंगासन: भुजंगासन पैरों और पीठ में दर्द से पीड़ित लोगों के लिए प्रभावी आसन है. इस आसन में शरीर को सर्प के समान पीछे की ओर उठाया जाता है, जिससे पीठ और जांघों की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह आसन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो घंटों एक जगह बैठे रहते है और चलने-फिरने में दर्द महसूस करते हैं. भुजंगासन न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि शरीर के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे मांसपेशियों को पोषण मिलता है और सूजन में राहत मिलती है.
अधोमुख श्वानासन: यह आसन भी हड्डियों और मांसपेशियों के लिए बेहद असरदार है. इसे ‘डाउनवर्ड डॉग पोज’ के नाम से भी जाना जाता है. इस आसन से पैरों, पिंडलियों और टखनों की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है. इसका अभ्यास हड्डियों की मजबूती बढ़ाता है और पुरानी थकान या दर्द को दूर करने में सहायक होता है. यह आसन शरीर की रक्तसंचार प्रक्रिया को बेहतर बनाता है.
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पीके/एएस
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