नई दिल्ली, 26 अप्रैल . पूर्व भारतीय कोच अनिल कुंबले का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के युवा खिलाड़ी डेवाल्ड ब्रेविस भविष्य में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए एक अहम खिलाड़ी साबित हो सकते हैं.
चेन्नई में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ सीएसके को पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा. यह सीएसके की घर में लगातार चौथी हार थी. हालांकि, अपने पहले मैच में ब्रेविस ने 25 गेंदों में 42 रन बनाए, जिसमें चार छक्के और एक चौका शामिल था. उनके इस योगदान से टीम 154 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाई, जबकि बाकी बल्लेबाजी एक बार फिर विफल रही.
ब्रेविस को चोटिल गेंदबाज गुर्जपनीत सिंह की जगह टीम में शामिल किया गया है.
कुंबले ने जियोहॉटस्टार पर कहा, “ब्रेविस की स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ खेलने की क्षमता शानदार रही. चेन्नई की पिच आसान नहीं होती – यहां गेंद कभी-कभी रुक कर आती है. लेकिन ब्रेविस पहले भी दक्षिण अफ्रीका में, प्रथम श्रेणी क्रिकेट और अंडर-19 मुकाबलों में अच्छा खेल चुके हैं, और वहीं से वे आईपीएल में आए हैं. उन्हें मूल टीम में जगह नहीं मिली थी, लेकिन चोट के कारण मौका मिला. ब्रेविस के पास हर तरह के शॉट हैं. ऐसे युवा खिलाड़ियों के साथ मिलकर सीएसके एक नई युवा टीम बना सकती है. ब्रेविस लंबे समय तक टीम के लिए फायदेमंद खिलाड़ी बन सकते हैं.”
कुंबले ने चेन्नई सुपर किंग्स के टीम संयोजन पर भी अपनी राय रखी.
उन्होंने कहा, “मेरे हिसाब से रुतुराज गायकवाड़ और डेवोन कॉन्वे की जोड़ी को साथ में ओपनिंग करनी चाहिए थी, भले ही कॉनवे अभी फॉर्म में नहीं हैं. यही जोड़ी कुछ साल पहले सीएसके को चैंपियन बना चुकी है. रचिन रवींद्र में प्रतिभा है, लेकिन इस फॉर्मेट में वे थोड़े जल्दबाजी में लगते हैं. शायद नंबर तीन पर उन्हें ज्यादा अच्छा खेलने का मौका मिलता.”
उन्होंने आगे कहा, “शिवम दुबे को छोड़ दें तो मिडिल ऑर्डर में ताकत की कमी दिखी. अब ब्रेविस और म्हात्रे जैसे युवाओं को खेलने का मौका मिल रहा है, जो अच्छा संकेत है. लेकिन अब सीएसके को पथिराना से आगे सोचना शुरू करना चाहिए. नाथन एलिस जैसे अनुभवी गेंदबाज को एक ही मैच के बाद नहीं खिलाना समझ से बाहर है. अब जब सिर्फ पांच मैच बचे हैं, यह युवाओं को मौका देने और भविष्य की टीम तैयार करने का सही समय है.”
सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाज हर्षल पटेल ने सीएसके की बल्लेबाजी को ढहाते हुए चार ओवर में 28 रन देकर चार विकेट लिए और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने गए.
कुंबले ने हर्षल की तारीफ करते हुए कहा, “हर्षल इस फॉर्मेट में काफी अनुभव रखते हैं, खासकर मुश्किल ओवरों में गेंदबाजी करने का. वे पहले भी पर्पल कैप जीत चुके हैं और उन्हें पता है कि कब क्या करना है. चेन्नई और चिन्नास्वामी जैसे मैदानों पर सही लेंथ में गेंदबाजी करना जरूरी होता है. आज हर्षल ने अपनी गति में बदलाव का अच्छा इस्तेमाल किया और बहुत समझदारी से गेंदबाजी की.”
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