Next Story
Newszop

एनएचआरसी ने दिल्ली पुलिस को पत्रकार द्वारा महिला के 'यौन शोषण' की जांच का दिया आदेश

Send Push

नई दिल्ली, 24 मई . राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को एक महिला द्वारा एक समाचार पोर्टल के पत्रकार के खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है. एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि आयोग ने मामले में 5 जून तक रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दिया है.

प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने अनाम हिंदू पीड़िता के सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लेने के बाद पुलिस प्रमुख को यह निर्देश जारी किया. महिला ने पोस्ट में एक मुस्लिम पत्रकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं.

एनएचआरसी ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत आरोपी के खिलाफ समाचार पोर्टल द्वारा दर्ज की गई औपचारिक जांच, यदि कोई हो, की स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है.

पीड़िता ने पत्रकार पर “यौन, शारीरिक और मानसिक शोषण” का आरोप लगाया, जिसमें बार-बार असुरक्षित यौन संबंध बनाना भी शामिल है. उसने बार-बार जबरन गर्भधारण और गर्भपात की भी शिकायत की है.

एनएचआरसी के समक्ष प्रस्तुत शिकायत में, पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने “उसके साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया और उसे पीटा, उसकी हिंदू पहचान को जानबूझकर अपमानित करने के लिए उसे गोमांस खाने के लिए मजबूर किया, और जब वह अन्य महिलाओं के साथ बात कर रहा था, उस समय माफी मांगने के लिए मजबूर किया”.

शिकायतकर्ता ने समाचार पोर्टल द्वारा उसे कोई राहत देने या आरोपी के खिलाफ निष्पक्ष जांच करने के बारे में भी संदेह जताया. कानूनगो ने जांच का आदेश देते हुए कहा, “संबंधित प्राधिकारी को जांच और सहायता के उद्देश्य से पीड़िता की पहचान करने का निर्देश दिया जाता है, हालांकि साथ ही साथ उसकी निजता के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्हें उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और उसे भविष्य के नुकसान से बचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय लागू करने चाहिए. इसके अतिरिक्त, उसके द्वारा कथित तौर पर सहे गए गंभीर आघात को देखते हुए उसे उचित परामर्श और भावनात्मक समर्थन प्रदान किया जाना चाहिए.”

एनएचआरसी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या समाचार पोर्टल के प्रबंधन ने आरोपी के खिलाफ लगाए गए यौन, शारीरिक और मानसिक शोषण के गंभीर आरोपों के जवाब में पुलिस शिकायत दर्ज की थी?

एनएचआरसी ने पूछा, “अगर ऐसा है, तो किस तारीख को शिकायत दर्ज की गई और उसके बाद से पुलिस ने क्या कार्रवाई की है? क्या अधिकारियों को बलात्कार और गंभीर शारीरिक प्रताड़ना के आरोपों के बारे में विशेष रूप से सूचित किया गया था, जैसा कि पीड़िता ने अपने वायरल सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है?”

एकेजे/

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now