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साइबर पुलिस ने दो ठगों को दबोचा, 2.15 लाख रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा

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New Delhi, 6 सितंबर . उत्तर-पूर्वी दिल्ली के साइबर थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो ठगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने खुद को वित्तीय कंपनी का एक्जीक्यूटिव बताकर एक शख्स से 2,15,681 रुपए की धोखाधड़ी की थी. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल अपराध में किया गया था.

जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता वसीम (30), पुत्र रहीसुद्दीन, निवासी जोहरिपुर, जो गाजियाबाद में डेयरी व्यवसाय चलाते हैं, ने पुलिस को बताया कि 25 फरवरी 2025 को उन्हें एक व्यक्ति का कॉल आया. उसने खुद को एक नामी वित्तीय कंपनी का अधिकारी बताते हुए उन्हें लोन की पेशकश की, जिसके बाद वसीम लोन लेने के लिए राजी हो गए.

ठगों ने उन्हें विश्वास दिलाया कि लोन मंजूरी के लिए बीमा पॉलिसी खरीदना अनिवार्य है. इसके बाद उन्होंने वसीम के नाम से नामी बीमा कंपनियों की फर्जी पॉलिसियां जारी कीं और पॉलिसी शुल्क, बैंक चार्ज और लोन प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर उनसे बड़ी रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा ली. शिकायतकर्ता को कई बार पैसे देने के बावजूद कोई लोन उपलब्ध नहीं कराया गया. आखिरकार ठगों ने अपने नंबर बंद कर दिए.

इस शिकायत पर साइबर थाना, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में धारा 318(4)/319(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया.

पुलिस उपायुक्त मंगेश गडेम के निर्देशन में और थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राहुल कुमार की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई. तकनीकी साक्ष्य जुटाने और विभिन्न स्रोतों से जानकारी लेने के बाद संदिग्धों की पहचान की गई.

इसके आधार पर छापेमारी कर रवि (27), पुत्र दिनानाथ, निवासी नंदराम पार्क, उत्तम नगर, दिल्ली और प्रीतम सिंह, पुत्र सुरेंद्र पाल, निवासी विक्रांत एसोसिएट्स के पास, उत्तम नगर, दिल्ली को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान दोनों ने अपराध कबूल कर लिया.

दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि वे पहले एक नामी बीमा कंपनी के कॉल सेंटर में काम कर चुके हैं. वहां से उन्हें लोन और बीमा प्रक्रियाओं की गहन जानकारी मिली, जिसका दुरुपयोग कर वे लोगों से ठगी करते थे. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ठगी की रकम आपस में बांटी जाती थी.

पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इनका अन्य मामलों में कोई संलिप्तता है या नहीं. फिलहाल आगे की कार्रवाई और जांच जारी है.

पीएसके

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