Ahmedabad, 11 अक्टूबर . 10.95 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में Enforcement Directorate (ईडी), Ahmedabad जोनल ऑफिस ने बड़ी कार्रवाई की. केंद्रीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत Gujarat के Ahmedabad में छह ठिकानों पर छापा मारा.
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने तीन फर्मों, श्री ओम फैब, श्री बाबा टेक्सटाइल और श्री लक्ष्मी फैब के खिलाफ शिकायत की थी. शिकायत के आधार पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने प्राथमिकी दर्ज की. First Information Report के आधार पर ईडी ने मामले की जांच शुरू की. ये तीनों फर्म रंजीत कुमार जे. लूनिया के स्वामित्व वाली हैं और ग्रे कपड़े के व्यापार में लगी हुई हैं. इन फर्मों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके नकद ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था.
स्वीकृत धनराशि का उपयोग अन्य बातों के अलावा, व्यक्तिगत अचल संपत्तियों के आवास ऋण चुकाने, अचल संपत्तियों की खरीद, सोने और चांदी की खरीद एवं नकद निकासी आदि के लिए किया गया था. बैंक के साथ हुई कुल धोखाधड़ी लगभग 10.95 करोड़ रुपए की है.
तलाशी के दौरान ईडी ने आरोपियों द्वारा लॉकरों में छिपाकर रखे गए लगभग 3 करोड़ रुपए मूल्य के सोने और हीरे के आभूषण एवं 23 लाख रुपए मूल्य की सावधि जमा राशि जब्त की. इसके अलावा, तलाशी के दौरान करोड़ों रुपए मूल्य की संपत्तियों से संबंधित विवरण और दस्तावेज भी मिले हैं.
वहीं, Enforcement Directorate (ईडी) के शिमला उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने भ्रष्टाचार, जालसाजी, धोखाधड़ी, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और आपराधिक षड्यंत्र के मामलों में सहायक औषधि नियंत्रक (मुख्यालय) निशांत सरीन को गिरफ्तार कर लिया. वर्तमान में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विनियमन निदेशालय, Himachal Pradesh में तैनात सरीन को 9 अक्टूबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया. ईडी ने उन्हें विशेष न्यायालय (पीएमएलए), शिमला के समक्ष पेश किया, जहां 14 अक्टूबर तक रिमांड स्वीकृत हुआ.
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डीकेपी/
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