New Delhi, 21 अक्टूबर . तेजी से बदलता मौसम और जलवायु परिवर्तन का असर आइसलैंड पर भी दिखने लगा है. पहली बार ऐसा हुआ है कि यहां मच्छर पाए गए हैं. दो नहीं बल्कि तीन मच्छर!
वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण आइसलैंड में पहली बार मच्छर पाए गए हैं. स्पष्ट है कि उनके लिए अब यहां का वातावरण उनके अनुकूल बन गया है. इस महीने तक यह देश दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक था जहां मच्छरों की आबादी नहीं थी. दूसरा स्थान अंटार्कटिका का है.
आइसलैंड के प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के कीटविज्ञानी मैथियास अल्फ्रेडसन ने इसकी पुष्टि की. स्थानीय वैज्ञानिक के भेजे गए सैंपल की पहचान उन्होंने स्वयं की. उन्होंने कहा, “किडाफेल, कजोस में कुलिसेटा एनुलाटा के तीन नमूने पाए गए, जिनमें दो मादा और एक नर था. ये सभी वाइन रोप्स से एकत्र किए गए थे.”
यह प्रजाति शीत-प्रतिरोधी है और सर्दियों में तहखानों और खलिहानों में शरण लेकर आइसलैंडिक परिस्थितियों में जीवित रह सकती है.
ब्यूआर्न हेजाल्टसन नाम के शख्स ने मच्छरों की तस्वीरें फेसबुक ग्रुप “इंसेक्ट्स इन आइसलैंड” पर पोस्ट की थीं. ब्यूआर्न ने कहा, “16 अक्टूबर की शाम, मेरी नजर लाल वाइन रिबन (मच्छरों को आकर्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला जाल) पर एक अजीब सा कीड़ा देखा.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे तुरंत शक हो गया कि ये क्या हो रहा है और मैंने जल्दी से उसे उठा लिया. वह एक मादा थी.”
उन्होंने दो और कीट पकड़े और उन्हें विज्ञान संस्थान भेजा.
वैज्ञानिकों ने कुछ समय पहले भी भविष्यवाणी की थी कि मच्छर आइसलैंड में पनप सकते हैं क्योंकि वहां दलदल और तालाब जैसे प्रजनन के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध है. हालांकि, ये भी माना कि कई प्रजातियां कठोर जलवायु में जीवित नहीं रह पाएंगी.
ग्लोबल हीट हेल्थ इंफोर्मेशन नेटवर्क ने जून 2025 में एक रिपोर्ट छापी जिसके अनुसार, उत्तरी गोलार्ध के बाकी हिस्सों की तुलना में आइसलैंड चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है. ग्लेशियर टूट रहे हैं और देश के पानी में मैकेरल जैसी मछलियां पाई गई हैं, जो अमूमन गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में पाई जाती हैं.
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केआर/
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