चंडीगढ़, 21 अप्रैल . कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं को लेकर निर्वाचन आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने “समझौता” किया और “सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी” है.
राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि मतदान से एक दिन पहले सप्लीमेंट्री वोटिंग लिस्ट जारी होने और एक करोड़ से अधिक नए मतदाताओं के अचानक जुड़ने से जनता का निर्वाचन आयोग पर विश्वास डगमगा गया है. निर्वाचन आयोग को जवाब देना होगा कि मतदान से ठीक पहले इतनी बड़ी संख्या में मतदाता कैसे जोड़े गए. मतदाता सूची समय पर उपलब्ध नहीं होती, और अचानक सप्लीमेंट्री लिस्ट आ जाती है. महाराष्ट्र में एक करोड़ नए मतदाता कैसे जुड़ गए, इस पर आयोग चुप क्यों है? उनकी वेबसाइट भी बंद है और वे इस सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे.”
भंवर जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, “राहुल गांधी अमेरिका में जिसके समक्ष जो बात कर रहे हैं, वे भी हमारे भारतीय भाई हैं. भले वो वहां रहते है लेकिन उनका दिल भारत के लिए धड़कता है. हम यहां सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग में इस मुद्दे को उठा रहे हैं.”
वहीं विपक्ष के नेता राहुल गांधी की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद राशिद अल्वी ने कहा कि विपक्ष के नेता द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द वास्तव में “नरम” थे और “कठोर” भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था.
अल्वी ने से कहा, “राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के लिए बहुत हल्के शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्हें और भी कठोर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए था. चुनाव आयोग पक्षपाती है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि मौजूदा सरकार ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश को क्यों हटाया? अब, शीर्ष अधिकारी की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और एक कैबिनेट मंत्री द्वारा की जाती है. यह स्पष्ट रूप से चुनाव आयुक्त को सरकार के हाथों का खिलौना बनाता है.”
वहीं केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा, “राहुल गांधी जब भारत के बाहर जाते हैं, तब ऐसी गलत टिप्पणियां करते रहते हैं. यह उनकी आदत है, हम उनकी इस आदत से परिचित है हैं. महाराष्ट्र के चुनाव को लेकर ऐसी टिप्पणी करना ठीक नहीं. यह महाराष्ट्र की जनता का अपमान है. चुनाव आयोग ने निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराए और जनता ने अपने वोट से सत्तारूढ़ गठबंधन को भारी समर्थन दिया.”
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एकेएस/
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