New Delhi, 21 अगस्त . भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर) द्वारा किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर हर्बल तंबाकू निषेध उत्पादों का एक अनियमित बाजार है.
हर्बल तंबाकू निषेध उत्पाद (एचटीसीपी), जो मुख्य रूप से हर्बल कैप्सूल, लॉजेज, गुटखा के विकल्प, पाउडर और हर्बल सिगरेट हैं, पारंपरिक औषधीय उपचार के प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प के रूप में तेजी से बेचे जा रहे हैं.
आईसीएमआर-एनआईसीपीआर के वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत कुमार सिंह ने कहा, “हर्बल तंबाकू निषेध उत्पाद भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर असत्यापित स्वास्थ्य दावों और छोटे डिस्क्लेमर के साथ भारी मात्रा में उपलब्ध हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “इससे उपभोक्ता संरक्षण और तंबाकू नियंत्रण के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी होती हैं. तंबाकू नियंत्रण दिशा-निर्देशों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के फ्रेमवर्क कन्वेंशन के साथ सुदृढ़ निगरानी, दावों का सत्यापन और नीतिगत संरेखण की तत्काल आवश्यकता है.”
शोधकर्ताओं ने पाया कि उनकी सुरक्षा और प्रभावशीलता पर नियामक निगरानी या साक्ष्य बहुत कम हैं.
बीएमजे के टोबैको कंट्रोल जर्नल में इस रिसर्च को प्रकाशित किया गया है. इसमें 5 बड़ी भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट, जियो मार्ट और मीशो) पर 316 विशिष्ट एचटीसीपी की पहचान की गई.
एक छोटे से अंश (0.5 प्रतिशत) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से संबद्धता का उल्लेख किया, जिससे संभावित रूप से भ्रामक समर्थन के बारे में चिंताएं पैदा हुईं. इसके अलावा, 43.7 प्रतिशत उत्पादों ने विषाक्ता या टेंशन आदि को कम करने का दावा किया है. केवल 12 प्रतिशत उत्पादों पर आयु प्रतिबंध प्रदर्शित थे और किसी में भी कार्यात्मक आयु सत्यापन तंत्र नहीं था.
टीम ने एचटीसीपी की उपलब्धता, सामर्थ्य, दावों और विनियमन का आकलन किया और उत्पाद सूची की जांच की, उन्हें उत्पाद प्रकार, दावा किए गए संकेत, अस्वीकरणों की उपस्थिति, नियामक अनुमोदन और मूल्य निर्धारण के आधार पर वर्गीकृत किया.
उन्होंने पाया कि उत्पादों की बिक्री तीन मुख्य फॉर्मूलेशन में की जा रही थी. दहनशील उत्पाद (42.7 प्रतिशत), कच्चे हर्बल मटेरियल (34.5 प्रतिशत), और अन्य स्वरूप जैसे गमीज, ड्रॉप्स, कैप्सूल और पैच (22.8 प्रतिशत).
इनको अलग-अलग फ्लेवर जैसे सेब, पान, गुलकंद में बेचा जा रहा था और उनकी कीमतें भी अलग थीं (15 रुपये से 1,467 रुपये तक). अमेजन पर तो प्रीमियम उत्पाद की अलग कैटेगरी थी. उल्लेखनीय रूप से इनमें से 62.3 प्रतिशत उत्पादों पर कम से कम एक प्रमाणन या गुणवत्ता का दावा था.
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जेपी/जीकेटी
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