नई दिल्ली, 14 अगस्त . दिल्ली में क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) पुरस्कार वितरण और स्वतंत्रता दिवस अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में देशभर से लखपति दीदियों ने शिरकत की.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की योजनाओं से हर महिला को फायदा हो रहा है और वह आत्मनिर्भर बन रही है. इस योजना से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है.
केंद्रीय मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आत्मा गांव में बसती है. मॉडल सीएलएफ हमारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की रणनीति के केंद्र में है. आप लोग स्वावलंबी बन रही हैं. लखपति दीदी सालाना एक लाख रुपए से ज्यादा कमा रही हैं. छोटे से लेकर बड़े व्यापार में महिलाएं अपना योगदान दे रही हैं और अपना उद्योग शुरू कर रही हैं. प्रधानमंत्री ने नारी को विकसित भारत के केंद्र में रखा है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान ने कहा कि देश के उन चुनिंदा दीदियों के सामने कुछ कहने का मौका मिला है, जिन्होंने अपनी तकदीर खुद लिखी है. प्रधानमंत्री ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है. आज गांव की महिलाएं काम करने के साथ राजनीति में भी हिस्सा ले रही हैं. आज कई महिलाएं गांव में प्रधान बन गई हैं. हम देश में सबको रोजगार नहीं दे सकते, लेकिन प्रधानमंत्री ने जो कहा है कि स्वरोजगार के जरिये सशक्त बनाया जा सकता है, खासकर महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा, अभी भी काफी काम करने की जरूरत है.
इस दौरान लखपति दीदियों ने से बातचीत के दौरान अपने अनुभव को साझा किया.
उत्तराखंड की मंजू गोटियाल ने कहा कि मैं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हूं. क्लस्टर स्तर पर 720 महिलाएं काम कर रही हैं. यह समूह ऑर्गेनिक उत्पाद हल्दी, अरवी और अदरक की खेती करता है और आउटलेट एवं मंडी के माध्यम से मार्केटिंग का काम करता है. जून 2021 में यह समूह बनाया गया था और बाद में ग्राम संगठन बनाया गया. समूह आगे बढ़ता गया और सीएलएफ बनाया गया. अब लखपति बहन के रूप में चयन हुआ है. पहले महिलाओं को चारदीवारी में रहना पड़ता था, आज उन महिलाओं को एक प्लेटफॉर्म दिया गया. महिलाएं आज सशक्त होने के साथ आत्मनिर्भर बन रही हैं और परिवार का सहारा बन रही हैं. पीएम ने मातृशक्ति के लिए बहुत काम किया है. इसके लिए पीएम मोदी का बहुत आभार.
मध्य प्रदेश की सरोज ने बताया कि वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से 2017 से जुड़ी हैं. उन्होंने बताया कि वह बैंक सखी का काम करती हैं. गांव में 10 महिलाओं का समूह बनाया था. समूह के माध्यम से रोजगार मिला. 2018 में ग्राम संगठन का निर्माण किया गया. अपने क्लस्टर में 100 समूह का निर्माण किया गया.
स्वयं सहायता समूह की संगीता वर्मा ने बताया कि वह समूह के माध्यम से सिलाई का काम करती हैं. उन्होंने कहा कि सिलाई से अच्छी कमाई हो जाती है. उन्होंने सभी दीदियों से समूह से जुड़ने की अपील की.
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एएसएएच/
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