New Delhi, 11 नवंबर . जल शक्ति मंत्रालय ने जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) पहल के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों के लिए प्रथम पुरस्कारों की घोषणा की है. यह ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (जेएसए : वर्षा जल संचयन)’ के अंतर्गत प्रमुख समुदाय-संचालित कार्यक्रम है. President, छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 के साथ वर्ष 2025 के लिए 18 नवंबर को New Delhi के विज्ञान भवन में यह पुरस्कार प्रदान करेंगी.
Prime Minister Narendra Modi के जल शक्ति के लिए जन शक्ति के दृष्टिकोण से प्रेरित, जल संचय जन भागीदारी पहल 6 सितंबर 2024 को सूरत, Gujarat में आरंभ की गई थी. समग्र Government और समग्र समाज के दृष्टिकोण से प्रेरित यह पहल जमीनी स्तर पर प्रबंधन सहभागिता और सतत जल प्रशासन को बढ़ावा देती है. कम्युनिटी (समुदाय), कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी और कॉस्ट (कम लागत) के 3सी मंत्र से प्रेरित, यह एक समावेशी मॉडल अपनाकर जल की कमी को दीर्घकालिक जल सुरक्षा और जल प्रत्यास्थता से दूर करने को बढ़ावा देता है.
पहल के तहत, राज्यों को पांच क्षेत्रों में विभाजित कर कम से कम दस हजार कृत्रिम पुनर्भरण और जल भंडारण संरचनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के ज़िलों के लिए यह लक्ष्य तीन हजार है, जबकि देश भर के नगर निगमों के लिए यह दस हजार का लक्ष्य है. इन संरचनाओं में भवन छतों पर वर्षा जल संचयन के साथ ही झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनरुद्धार करना शामिल है.
शहरी जल संरक्षण प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने जल शक्ति मंत्रालय के साथ साझेदारी की है. इसके अंतर्गत शहरी स्थानीय निकायों को लगभग दो हजार पुनर्भरण संरचनाएं निर्मित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
प्रथम जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) सम्मान के अंतर्गत इस वर्ष कुल 100 पुरस्कारों की घोषणा की गई है. इनमें तीन शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य, 67 जिले, छह नगर निगम, एक शहरी स्थानीय निकाय, दो सहयोगी मंत्रालय, दो उद्योग, तीन गैर Governmentी संगठन, दो परोपकारी और 14 नोडल अधिकारी शामिल हैं. जेएसजेबी पोर्टल पर अपलोड किए गए सत्यापित आंकड़ों के आधार पर पुरस्कार विजेताओं का चयन किया गया है.
India Government कृत्रिम भूजल पुनर्भरण संरचनाओं, जैसे बोरवेल पुनर्भरण प्रणाली और छतों पर वर्षा जल संचयन इकाइयों के निर्माण, पुनरुद्धार और रखरखाव में उल्लेखनीय प्रगति करने वाली संस्थाओं और लोगों को पुरस्कार प्रदान कर जल संचयन के लिए प्रोत्साहित कर रही है. निर्धारित समय सीमा में दस लाख ऐसी संरचनाओं के निर्माण और पुनरुद्धार के लक्ष्य के मुकाबले समय से पहले ही 27.6 लाख संरचनाओं का निर्माण हुआ है.
इस कार्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले श्रेणी एक के जिलों को 2 करोड़ रुपए प्रति जिले से पुरस्कृत किया जा रहा है, जबकि श्रेणी 2 और 3 के जिलों को क्रमशः 1 करोड़ रुपए प्रति जिले और 25 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे. अन्य जिलों को भी प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित किया जा रहा है.
प्रत्येक पुरस्कार विजेता को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार विभाग सचिव की ओर से हस्ताक्षरित एक प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाएगा. जल संचय जन भागीदारी (जेएसजेबी) पहल ने सामुदायिक भागीदारी और संसाधनों के मेल से कृत्रिम भूजल पुनर्भरण के लिए विविध, मापनीय और अनुकरणीय मॉडल स्थापित किया है.
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डीसीएच/
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