US Tiktok deal:चीनी सोशल मीडिया TikTok को लेकर आज अमेरिका में बड़ी डील हो रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज इस डील को लेकर एग्जीक्यूटिव आर्डर साइन कर सकते हैं. माना जा रहा है कि आज ट्रंप टिकटॉक डील को लेकर एक कार्यकारी आदेश साइन कर सकते हैं. इस आदेश में टिकटॉक की अमेरिकी संपत्तियों को उसके चीनी मालिक बाइटडांस से अलग करने पर डील हो रही है. अमेरिका के हाथों चीनी कंपनी की संपत्तियों के बिकने को लेकर कई सवाल मन में उठ रहे हैं. आखिर ऐसा क्या हुआ कि चीनी कंपनी अमेरिका में बिकने को तैयार हो गई ? क्या इस डील से भारत में टिकटॉक के लिए रास्ते खुलेंगे?
क्यों अमेरिका में बिक रही है टिकटॉक
टिकटॉक की कंपनी के मालिक चीनी उद्योगपति बाइटडांस हैं, लेकिन अब उन्हें अपनी कंपनी की अमेरिकी हिस्सेदारी बेचनी पड़ेगी. इस डील के तहत बाइटडांस की नई कंपनी में 20 फीसदी से कम हिस्सेदारी होगी. वहीं कंपनी का कंट्रोल अमेरिका के ओरेकल और सिल्वर लेक जैसे निवेशकों का समूह करेगा. डेटा लीक जैसे सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए अब टिकटॉक के अमेरिका कारोबार के सभी डेटा का नियंत्रण ओरेकल कंपनी करेगी. इस डील के तहत TikTok के एल्गोरिदम को पूरी तरह से कंट्रोल अमेरिकी कंपनी के हाथों में होगा. माना ये भी जा रहा है कि टिकटॉक के संचालन बोर्ड में अमेरिका के पास बहुमत रहेगा, 7 में 6 बोर्ड सदस्य अमेरिकी होंगे. भारत के बुलेट ट्रेन के लिए चीन का तोहफा, ड्रैगन भेज रहा ‘समंदर का सिकंदर’, जो बन रहा था रोड़ा, अब वही बढ़ाएगा रफ्तार
अमेरिका में टिकटॉक का कारोबार
अमेरिका में टिकटॉक का लंबा चौड़ा कारोबार है. अमेरिका में 17 करोड़ यूजर्स बेस है. पॉपुलैरिटी इतनी है कि ये चुनावी मुद्दा तक बन गया. डेटा लीक की वजह से इसे बैन किया गया था. अमेरिकी सरकार को डर सता रहा था कि टिकटॉक की मदद से चीन उनकी निजी जानकारी हासिल कर सकता है. इसलिए अमेरिकी सरकार ने तय किया कि अगर टिकटॉक की चीनी कंपनी बाइटडांस इसे बेचती बेचती है तो ठीक, वरना इसे बैन कर दिया जाएगा. टिकटॉक पर बैन का कानून पहले ही पास है, लेकिन ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से कंपनी को अस्थाई तौर पर कई राहत मिलते रहे. टिकटॉक की ओनर कंपनी Bytedance को अमेरिकी कारोबार बेचने के लिए मनाया गया और अब इसकी डील लाइन होने वाली है.
क्या भारत में भी खुलेंगे टिकटॉक का रास्ते
टिकटॉक को भारत में सुरक्षा कारणों से बैन किया गया है. अमेरिका में हो रही इस डील के बाद भारत में इसके लिए वापसी के रास्ते आसान हो सकते हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका के बाद टिकटॉक भारत में भी बड़ा समझौता कर सकता है. डेटा लीक का जो डर सता रहा है, उसे लेकर समझौता हो सकता है. अगर अमेरिका और चीन टिकटॉक को लेकर डील करते हैं और कंपनी पर अमेरिकी कंट्रोल होता है तो भारत में इसके वापसी के रास्ते खुल सकते हैं, क्योंकि डेटा सिक्योरिटी का डर कम हो जाएगा. अमेरिका इस कंपनी पर कंट्रोल हासिल करने के बाद इसे भारत जैसे बड़ा बाजार में वापसी करवाने की कोशिश करेगा. जिस देश में 50 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं, वहां अमेरिका टिकटॉक को फिर से वापस लाने के लिए सरकार से बातचीच कर सकता है.
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