लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन मंगलवार को हिंसा में तब्दील हो गया। लेह में हुए प्रदर्शन के दौरान उपद्रव इतना बढ़ा कि बीजेपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया, कई वाहन फूंक दिए गए और 70 से अधिक लोग घायल हो गए। हिंसा के चलते 4 लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे इलाके में तनाव फैल गया है।
कैसे भड़की हिंसा?मंगलवार को लेह में हुए बंद और विरोध प्रदर्शन के दौरान माहौल अचानक बिगड़ गया। प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और उन्होंने न सिर्फ सरकारी और निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यालय में आग लगा दी।
पुलिस के अनुसार, कुछ युवाओं ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया, जिसके जवाब में लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
प्रदर्शन और जमावड़े पर लगा प्रतिबंधलेह में बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और पांच या अधिक व्यक्तियों के जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक (IAS) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बिना लिखित अनुमति के कोई जुलूस, मार्च, लाउडस्पीकर या माउंटेड वाहन इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल तोड़ी, शांति की अपील कीप्रसिद्ध पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक, जो पिछले 15 दिनों से उपवास पर थे, उन्होंने मंगलवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया।
हालात के मद्देनजर उन्होंने युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा,
“मैं युवाओं से अपील करता हूं कि आगजनी और झड़पों को तुरंत बंद करें। हम आंदोलन की नैतिकता को किसी भी हाल में नहीं खोना चाहते।”
उन्होंने प्रशासन से भी बल प्रयोग बंद करने का आग्रह किया और कहा कि कोई भी आंदोलन तब तक सफल नहीं होता जब तक वह शांति और नैतिकता की जमीन पर खड़ा हो।
6 अक्टूबर को गृह मंत्रालय की अहम बैठकलद्दाख में लंबे समय से राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग की जा रही है। इसे लेकर लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) कई बार केंद्र सरकार से बातचीत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
गृह मंत्रालय ने अब 6 अक्टूबर को अगली वार्ता तय की है। हालांकि, LAB और KDA ने साफ किया है कि वे बिना समाधान के भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।
LAB के सह-अध्यक्ष चेयरिंग दोरजे ने कहा,
क्या है आंदोलन की मांग?“हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन लगातार देरी से लोग अधीर हो रहे हैं। अब हमें ठोस जवाब चाहिए, न कि सिर्फ तारीखें।”
- राज्य का दर्जा: 2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग कर लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया था, लेकिन यहां के लोगों की मांग है कि उन्हें पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।
- छठी अनुसूची में शामिल करना: ताकि लद्दाख की संस्कृति, भूमि और अधिकारों की सुरक्षा हो सके।
- राजनीतिक प्रतिनिधित्व और नौकरियों में आरक्षण की भी मांग शामिल है।
You may also like
म्यूचुअल फंड इस इंडिकेटर से बाज़ार में खरीदारी का निर्णय करते हैं, ट्रेडर्स का फेवरेट टूल जो मार्केट का ट्रेंड बताता है
ला लीगा : रियल मैड्रिड और एफसी बार्सिलोना के बीच अक्टूबर में मुकाबला
हॉट अवतार में वरुण धवन का फिल्म प्रमोशन, इंस्टाग्राम पर शेयर की इंडियन अटायर फोटोज
न्यायिक नियुक्तियों पर उठे सवाल, एससीबीए ने सीजेआई को लिखा पत्र
जीएसटी की दरों में कटौती से हर वर्ग के लोगों को राहत मिली: राजबाबू उपाध्याय