इस्लामाबाद। सलमान खान ने 17 अक्टूबर को बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग बताया था। बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को आतंकी बताने वाला एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह लेटर पाकिस्तान सरकार ने जारी किया है।
DD न्यूज के मुताबिक, सलमान ने पिछले हफ्ते सऊदी अरब में एक इवेंट के दौरान बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग बताया था, जिसके बाद कथित तौर पर उन पर यह कार्रवाई की गई।
लेटर में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार ने सलमान को ‘एंटी-टेररिज्म एक्ट 1997’ की चौथी सूची में डाल दिया है। ये सूची उन लोगों की होती है, जिन पर आतंकवाद से जुड़े होने का शक होता है।
हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस खबर को फेक बताया गया है। सलमान ने बलूचिस्तान से जुड़ा बयान 17 अक्टूबर को दिया था, जबकि लेटर पर 16 अक्टूबर की तारीख दर्ज है। इसके अलावा उसी नंबर का अन्य लेटर भी पाकिस्तान सरकार ने जारी किया था। इन सब के आधार पर दावा किया जा रहा है कि ये लेटर फेक है।
सलमान, शाहरुख खान और आमिर खान के साथ 17 अक्टूबर को रियाद में ‘जॉय फोरम 2025’ में भारतीय फिल्मों की लोकप्रियता पर बात कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर आप यहां हिंदी फिल्म रिलीज करें, तो वह सुपरहिट होंगी। तमिल, तेलुगु या मलयाली फिल्म भी सैकड़ों करोड़ कमा सकती हैं, क्योंकि यहां बलूचिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लोग काम करते हैं।
इस बयान में सलमान ने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग बताया था, जिसके बाद पाकिस्तानी मीडिया में सलमान खान की काफी आलोचना की गई थी।
बलूच नेताओं ने सलमान की तारीफ की
बलूचिस्तान के कुछ नेताओं ने सलमान खान के इस बयान की तारीफ की है। बलूच नेता मीर यार बलोच ने कहा- सलमान ने बलूचिस्तान को अलग पहचान देकर 6 करोड़ बलूच लोगों का दिल जीत लिया। यह हमारी आवाज को दुनिया तक पहुंचाने जैसा है।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन यहां के लोगों को बुनियादी जरूरतों के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ता है। पाकिस्तानी सेना पर आरोप है कि वो यहां के लोगों की जायज मांग को हथियार के दम पर कुचलती है।
BLA बलूचिस्तान के लिए लड़ाई लड़ रही
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) लंबे समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। ब्रिटिश ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट पीटर टैचेल का मानना है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान की स्वतंत्रता में देरी कर सकता है, हालांकि इसे हमेशा के लिए रोका नहीं जा सकता।
वहीं, बलूच लेखक मीर यार का कहना है कि बलूचिस्तान अब आजादी से सिर्फ दो कदम दूर है। उन्होंने इसकी 1971 के बांग्लादेश की स्थिति से तुलना करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियां इस हकीकत को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं।
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