
एक दर्दनाक घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को झकझोर दिया है, जब एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसकी वीडियो रिकॉर्ड की गई, जिसे आरोपी स्वयं सोशल मीडिया पर साझा कर गया। वायरल वीडियो ने अपराध की भयावहता को उजागर किया और पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने को मजबूर किया।
मौके पर कार्रवाई और शिकायत:
जब वीडियो वायरल हुआ, तो पुलिस ने उसे देखने और जांचने में समय नहीं गंवाया। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता से संपर्क कर उसका बयान दर्ज किया और मुकदमा दर्ज कर दिया, बार बार लेटते विभागीय स्तर एवं सूचना स्रोतों ने बताया कि जांच में शामिल टीमों ने किसी बड़ी देरी से बचने के लिए त्वरित कदम उठाए।
पुलिस मुठभेड़ और आरोपी की हालत:
एक मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने पालीवाल पार्क क्षेत्र में दबिश दी। इस दौरान आरोपी—जुनैद ने आगोश में आने से पहले पुलिस पर फायरिंग की कोशिश की। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसके पैर में गोली लगाई, जिसके बाद वह घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसका इलाज चल रहा है ।
अवैध हथियार और गिरफ्तारी:
पकड़े गए आरोपी के कब्जे से एक अवैध तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस बरामद हुआ। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन व व्यापक जांच जारी है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि वीडियो के मिलते ही चौकी इंचार्ज ने जुर्म की गंभीरता को देखते हुए पहचान पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया ।
समाज, मीडिया और नैतिक सवाल:
यह घटना सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव और अपराधियों की निडरता को उजागर करती है, जब उन्होंने खुद के बनाए वीडियो को वायरल कर न्याय की उम्मीद रखने वाले समाज की संवेदनशीलता को चोट पहुंचाई। साथ ही यह सवाल भी उठता है—पुलिस कार्रवाई कितनी त्वरित होनी चाहिए थी, और क्या अपराधों को भीड़ की नजरों से पहले बाध्यकारी ढंग से दर्ज करना संभव हो?
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