ग्रेटर फरीदाबाद में रहने वाले रेडियोथेरेपिस्ट योगेश कुमार के साथ हुआ. योगेश ने शनिवार को अपने पर्ल सोसाइटी स्थित अपार्टमेंट की 15वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. यह घटना न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे इलाके के लिए एक झटका साबित हुई. दरअसल पति ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि पत्नी सास के साथ नहीं रहना चाहती थी.
फरीदाबाद में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है, जिसने परिवार और समाज को झकझोर दिया है. यहां के एक रेडियोथेरेपिस्ट डॉक्टर ने अपनी पत्नी और सास के बीच चल रहे विवाद से परेशान होकर पर्ल सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, विवाद का कारण था कि पत्नी अपनी मां को उनके साथ रखना चाहती थी, जबकि पति अपनी मां को अपने बच्चे की देखभाल के लिए साथ रखना चाहते थे. यह छोटी-सी जिद एक दर्दनाक घटना में बदल गई.
सास के साथ नहीं रहना चाहती थी बहूयोगेश कुमार की शादी नौ साल पहले नेहा रावत से हुई थी. उनका एक छह साल का बच्चा भी है. चाचा प्रकाश सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि योगेश की पत्नी और ससुराल वाले उन्हें परेशान कर रहे थे. शिकायत के मुताबिक, नेहा चाहती थी कि उसकी मां उनके साथ रहे, जबकि योगेश अपनी मां को अपने बच्चे की देखभाल के लिए साथ रखना चाहते थे. इस मुद्दे को लेकर दोनों के बीच लगातार झगड़े होते रहे.
ससुरालवालों ने किया विवादयोगेश छह महीने पहले अपनी मां और बेटी के साथ पर्ल सोसाइटी, सेक्टर 87 में रहने आए थे. नेहा करीब एक महीने पहले उनके पास आई, लेकिन आते ही उसने योगेश की मां के साथ रहने पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी. इसके बाद नेहा के भाई आशीष और अमित रावत भी सोसाइटी में आ गए और योगेश के साथ विवाद करने लगे.
पति ने की आत्महत्याचाचा के अनुसार, गुरुवार को योगेश ने नेहा को ग्वालियर स्थित उनके घर ले गया. लौटते समय नेहा को नोएडा छोड़कर अकेले अपार्टमेंट लौटे. उसी रात परिवार और पारिवारिक विवाद से परेशान होकर उन्होंने 15वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी.
पुलिस कार्रवाई और मामले की जांचभूपानी थाने में मृतक की पत्नी नेहा रावत, सास शांति रावत, ससुर वीर सिंह रावत और नेहा के भाई आशीष व अमित रावत के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. आरोपी की तलाश में छापेमारी जारी है. यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि रिश्तों में समझदारी, भरोसा और प्यार कितनी जरूरी है. जब जिद और हठ हावी हो जाते हैं, तो परिणाम केवल दुख और अनहोनी तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि जीवन के सबसे अनमोल रिश्तों को भी तोड़ देते हैं.
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