भारत ने एशिया कप 2025 के मुकाबले में पाकिस्तान को 7 विकेट से हराकर एक और शानदार जीत दर्ज की। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए इस मैच में भारत ने 128 रनों का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया। इस मुकाबले का अंत एक निश्चितता के साथ हुआ, न कि किसी रोमांच के साथ।
कोई हाथ मिलाने का नहीं, कोई आश्चर्य नहीं
मैच की शुरुआत से ही माहौल में एक तनाव था। खेल खत्म होने के बाद खिलाड़ियों ने बिना हाथ मिलाए मैदान छोड़ा, जो एक दुर्लभ लेकिन महत्वपूर्ण संकेत था। लेकिन जब खेल शुरू हुआ, तो भारत ने पूरी तरह से दबदबा बनाया।
अभिषेक ने शुरूआत की
भारत की इरादे पहले गेंद से ही स्पष्ट थे। अभिषेक शर्मा ने शाहीन अफरीदी के खिलाफ पहले गेंद पर चौका मारकर अपनी आक्रामकता दिखाई। यह शॉट न केवल स्कोरबोर्ड को खोला, बल्कि पूरे लक्ष्य का टोन सेट कर दिया।
हालांकि भारत ने तीन विकेट खोए, जो सैम अयूब की शानदार गेंदबाजी के कारण हुए, लेकिन लक्ष्य कभी भी खतरे में नहीं दिखा। पिच ने कोई खास चुनौती नहीं दी, और भारत के शीर्ष क्रम ने इसका पूरा फायदा उठाया।
पाकिस्तान की स्पिन गेंदबाजी में कमी
गेंदबाजी की गुणवत्ता में स्पष्ट अंतर था। जबकि भारत के स्पिनर वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल ने पाकिस्तान की पारी को नियंत्रित किया, वहीं अबरार अहमद, सुफियान मुकीम और मोहम्मद नवाज ने कोई खास प्रभाव नहीं डाला।
उनकी गेंदबाजी में न तो कोई मोड़ था, न ही कोई धोखा, और न ही स्कोरबोर्ड पर दबाव। भारत के बल्लेबाजों ने आसानी से गेंदों को खेला और खराब गेंदों को बाउंड्री पर भेजा।
क्लास में स्पष्ट अंतर
इस मैच से एक बात स्पष्ट हो गई कि टी20 क्रिकेट में दोनों टीमों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है। भारत, भले ही कुछ पुराने सितारों के बिना खेल रहा हो, लेकिन वह अधिक संगठित, आत्मविश्वास से भरा और खतरनाक नजर आया। पाकिस्तान, इसके विपरीत, पहले कुछ ओवरों के बाद विचारहीन दिखा।
पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय, जो दुबई की चेजिंग-फ्रेंडली परिस्थितियों को देखते हुए पहले से ही सवालों के घेरे में था, ने पाकिस्तान की स्थिति को और खराब कर दिया। टॉस से लेकर अंतिम हाथ मिलाने तक, भारत ने हर पल पर नियंत्रण रखा।
आगे का रास्ता
इस जीत के साथ, भारत ने इस ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, खासकर एशिया कप में। पाकिस्तान के लिए, अब टीम चयन, बल्लेबाजी की गहराई और पुरानी कमजोरियों पर सवाल उठाए जाएंगे।
भारत के लिए, सूर्यकुमार यादव की आत्मविश्वास से भरी कप्तानी में यह अभियान एक प्रभावशाली, आकर्षक और एशिया और उससे आगे के लिए एक इरादे का बयान बनता जा रहा है।
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