मानसून के दौरान अक्सर बिजली कड़कने की आवाज सुनाई देती है, और कभी-कभी यह जानलेवा भी हो सकती है। कुछ साल पहले, वैज्ञानिकों ने एक ऐसी घटना देखी जो उन्हें भी चौंका गई। आसमान में बिजली की चमक इतनी विशाल थी कि इससे कई शहर रोशन हो गए। यह एक मेगा फ्लैश था, जो टेक्सास से कंसास तक 829 किलोमीटर (515 मील) तक फैला था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, यह बिजली की चमक का एक नया रिकॉर्ड है।
बिजली की दूरी का रिकॉर्ड
इस बिजली ने 829 किलोमीटर की दूरी तय की, जिसने पहले के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। पहले का रिकॉर्ड 768 किलोमीटर था, जो 29 अप्रैल 2020 को अमेरिका के मिसिसिपी से टेक्सास तक फैला था। यह घटना 2017 में हुई थी, लेकिन इसका पता हाल ही में लगाया गया। साइंस अलर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने GOES ईस्ट वेदर सैटेलाइट का उपयोग करके बिजली गिरने का पता लगाया। यह सैटेलाइट पृथ्वी की सतह से 22,236 मील की ऊंचाई पर परिक्रमा करती है। इस तकनीक ने इस घटना को ट्रैक करने में मदद की। वैज्ञानिक इसे मेगाफ्लैश बिजली कहते हैं और इसके कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
बिजली गिरने की प्रक्रिया
जब वायुमंडलीय विक्षोभ के कारण बादलों में कण टकराते हैं, तो विद्युत आवेश (चार्ज) बनता है। जब यह आवेश अत्यधिक बढ़ जाता है, तो यह बिजली के विशाल विस्फोट के रूप में निकलता है। इससे आकाश में लाखों वोल्ट का विस्फोट होता है, जिससे आसमान में चमक देखी जा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश बिजली छोटी होती है, जो 10 मील से कम होती है। ये आमतौर पर सीधी गिरती हैं, लेकिन कभी-कभी बादलों के बीच क्षैतिज रूप से भी चलती हैं, जिससे बड़े बोल्ट बनते हैं। यदि बिजली की लंबाई 100 किलोमीटर से अधिक होती है, तो इसे मेगाफ्लैश कहा जाता है।
You may also like
Asia Cup 2025: जसप्रीत बुमराह का एशिया कप में खेलना संदिग्ध, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा
स्टेनोग्राफर को हर महीने मिलता है कितना पैसा, जान लें 8वें वेतन आयोग के बाद कितनी बढ़ेगी सैलरी
अनुपम खेर ने पिता के निधन पर मनाया जश्न, जानें क्यों
DPL 2025: भारत में कब और कहां देखे? टीवी चैनल और लाइव स्ट्रीमिंग की पूरी जानकारी
Rajasthan: एसआई भर्ती परीक्षा, बेनीवाल ने कहा-न हिम्मत टूटी और ना हीं इरादा डगमगाया