शेयर मार्केट में 12 मई सोमवार को तूफानी तेज़ी देखने को मिली और बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 4-4% तक की तेज़ी देखी गई. निफ्टी 917 अंकों की तेज़ी के साथ 24925 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 2975 अंकों की तेज़ी के साथ 82430 के लेवल पर बंद हुआ. बाज़ार की इस तूफानी तेज़ी में रिलायंस ग्रुप का एक पेनी स्टॉक भी 8% तक की तेज़ी में आया. टेक्सटाइल इंडस्ट्री के पेनी स्टॉक Alok Industries Ltd में सोमवार को तेज़ी देखने को मिली और वह 17.25 रुपए के लेवल पर बंद हुआ. इस कंपनी का मार्केट कैप 8.59 हज़ार करोड़ रुपए है. आलोक इंडस्ट्रीज़ में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की 40% हिस्सेदारी है. इस पेनी स्टॉक में 52 वीक हाई लेवल 29.97 रुपए है, जबकि 52 वीक लो लेवल 13.90 रुपए है. स्टॉक ने हाल ही में अपने लो लेवल से सपोर्ट लेकर ऊपर की ओर मूवमेंट दिखाना शुरू किया है. आलोक इंडस्ट्रीज़ में सोमवार को हैवी वॉल्यूम में ट्रेडिंग हुई. आमतौर पर आलोक इंड्स्ट्रीज़ में 12 लाख से 14 लाख इक्विटी शेयरों ट्रांजिस्क्शन होता है, लेकिन सोमवार को इस स्टॉक में बीएसई पर 22,27,323 क्वांटिटी में इक्विटी शेयर ट्रेड हुए, जो एवरेज वॉल्यूम से 80% अधिक है. आलोक इंडस्ट्रीज एक टेक्सटाइल कंपनी है जो कॉटन और पॉलिएस्टर सेगमेंट में मौजूद है. कंपनी टेक्सटाइल निर्माण, मरम्मत और पैकिंग एक्टिविटीज़, लेदर और अन्य अपैरल प्रोडक्ट बनाती है. मार्च 2025 के अंत तक रिलायंस इंडस्ट्रीज की आलोक इंडस्ट्रीज में 40.01% हिस्सेदारी है. यह हिस्सेदारी जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ जॉइंट बिड के माध्यम से हासिल की गई थी. रिलायंस ने आलोक इंड्सट्रीज़ में हिस्सेदारी कैसे लीरिलायंस इंडस्ट्रीज ने मार्च 2020 में आलोक इंडस्ट्रीज में 40.1% हिस्सेदारी हासिल की. यह हिस्सेदारी 250 करोड़ रुपए के निवेश के माध्यम से प्राप्त की गई, जिसमें 83.33 करोड़ इक्विटी शेयर (प्रति शेयर 1 की फेस वैल्यू और 2 रुपए का प्रीमियम) शामिल थे. इसके अतिरिक्त रिलायंस को 250 करोड़ 9% वैकल्पिक रूप से कन्वर्टिबल प्रेफेरेंशियल शेयर (OCPS) भी आवंटित किए गए, जिनकी कुल वैल्यू 250 करोड़ रुपए रही.जनवरी 2024 में रिलायंस ने आलोक इंडस्ट्रीज में 3,300 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया. यह निवेश 3,300 करोड़ 9% नॉन- कनवर्टिबल रिडीमेबल प्रेफेरेंशियल शेयरों (प्रति शेयर 1) के माध्यम से किया गया. ये शेयर 20 वर्षों की अवधि के भीतर कंपनी के ऑप्शन पर रिडीम किए जा सकते हैं.इस निवेश से रिलायंस की इक्विटी हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 40.01% पर बनी रही, लेकिन इसने आलोक इंडस्ट्रीज की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया और कंपनी के कर्ज को कम करने में मदद की.आरआईएल और जेएमएफएआरसी सहित आलोक इंडस्ट्रीज में कुल प्रमोटर हिस्सेदारी 75% है, जबकि शेष 25% सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है.
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