जब भी हम एटीएम से या ऑनलाइन कोई भी ट्रांजैक्शन करते हैं तब हमारे फोन पर एसएमएस और ईमेल के जरिए बैंक के द्वारा अलर्ट भेजा जाता है। जिसमें लॉगिन से लेकर ट्रांजैक्शन तक की सभी जानकारियां होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस एसएमएस अलर्ट के लिए बैंक ग्राहक से चार्ज वसूलते हैं। अब बैंकों के द्वारा डिमांड की जा रही है कि वे कुछ ट्रांजैक्शंस पर एसएमएस अलर्ट भेजना बंद करना चाहते हैं।
इन ट्रांजेक्शन का एसएमएस अलर्ट बंद करना चाहते हैं बैंक यूपीआई पेमेंट आने के बाद से ग्राहक एक-दो रुपये से लेकर कई हजारों, लाखों तक के पेमेंट पल भर में कर देते हैं। इसके बाद छोटे पेमेंट भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में ग्राहक भी अक्सर इन छोटे-छोटे ट्रांजैक्शंस के अलर्ट से परेशान हो जाते हैं। क्योंकि फोन में मैसेज, ईमेल और यदि ट्रूकॉलर जैसे ऐप हो तो ट्रूकॉलर से भी नोटिफिकेशन प्राप्त होता है। ऐसे में एक के बाद एक आने वाले नोटिफिकेशन ग्राहकों को भी परेशान कर देते हैं।
बैंकों ने आरबीएसई से डिमांड की है कि वे छोटे ट्रांजैक्शंस के अलर्ट को बंद करना चाहते हैं जिनकी वैल्यू 100 रुपये से कम हो।
लगातार अलर्ट आने से ग्राहकों को परेशानी होती है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि इससे बड़े और महत्वपूर्ण लेनदेन के अलर्ट मिस होने का खतरा भी बढ़ गया है।
कितना चार्ज करते हैं बैंक?सामान्यतः बैंकों के द्वारा एसएमएस भेजने के लिए प्रति एसएमएस 20 पैसे चार्ज किए जाते हैं। जो ग्राहकों से तिमाही, मासिक या वार्षिक चार्ज के रूप में वसूले जाते हैं। बैंक के द्वारा एसएमएस अलर्ट का चार्ज लिया जाता है लेकिन ईमेल अलर्ट मुफ्त है। बैंक डिमांड कर रहे हैं कि छोटे भुगतान के लिए अलर्ट बंद किया जाए ताकि तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके। साथ ही बड़े ट्रांजैक्शन से मिले अलर्ट के लिए ग्राहक सतर्क हो सके।
आरबीआई के सामने रखा प्रस्ताव बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के सामने अभी यह प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव भेजने से पहले प्राइवेट सेक्टर और सभी पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने विचार विमर्श किया। जिसमें यह कहा गया है कि ग्राहकों को केवल निर्धारित संख्या में या बड़े लेनदेन पर ही अलर्ट भेजा जाना चाहिए। इसके अलावा धोखाधड़ी काम हो सके इसके लिए भी प्रस्ताव दिए गए हैं।
अभी क्या है हाल अभी रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की पॉलिसी के अनुसार बैंकों को एसएमएस अलर्ट के लिए ग्राहकों से सहमति लेनी पड़ती है। इसके अलावा ग्राहकों के द्वारा दिए गए ईमेल आईडी पर ईमेल अलर्ट भेजा जाता है। बैंकों के द्वारा आरबीआई के सामने रखें इस नए प्रस्ताव के अंतर्गत ग्राहक अपनी स्वेच्छा से ₹100 से काम के लेनदेन के लिए एसएमएस अलर्ट बंद करने की विकल्प का चुनाव कर पाएंगे। या ईमेल या ऐप के माध्यम से इसे जारी भी रख सकते हैं।
इन ट्रांजेक्शन का एसएमएस अलर्ट बंद करना चाहते हैं बैंक यूपीआई पेमेंट आने के बाद से ग्राहक एक-दो रुपये से लेकर कई हजारों, लाखों तक के पेमेंट पल भर में कर देते हैं। इसके बाद छोटे पेमेंट भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में ग्राहक भी अक्सर इन छोटे-छोटे ट्रांजैक्शंस के अलर्ट से परेशान हो जाते हैं। क्योंकि फोन में मैसेज, ईमेल और यदि ट्रूकॉलर जैसे ऐप हो तो ट्रूकॉलर से भी नोटिफिकेशन प्राप्त होता है। ऐसे में एक के बाद एक आने वाले नोटिफिकेशन ग्राहकों को भी परेशान कर देते हैं।
बैंकों ने आरबीएसई से डिमांड की है कि वे छोटे ट्रांजैक्शंस के अलर्ट को बंद करना चाहते हैं जिनकी वैल्यू 100 रुपये से कम हो।
लगातार अलर्ट आने से ग्राहकों को परेशानी होती है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि इससे बड़े और महत्वपूर्ण लेनदेन के अलर्ट मिस होने का खतरा भी बढ़ गया है।
कितना चार्ज करते हैं बैंक?सामान्यतः बैंकों के द्वारा एसएमएस भेजने के लिए प्रति एसएमएस 20 पैसे चार्ज किए जाते हैं। जो ग्राहकों से तिमाही, मासिक या वार्षिक चार्ज के रूप में वसूले जाते हैं। बैंक के द्वारा एसएमएस अलर्ट का चार्ज लिया जाता है लेकिन ईमेल अलर्ट मुफ्त है। बैंक डिमांड कर रहे हैं कि छोटे भुगतान के लिए अलर्ट बंद किया जाए ताकि तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके। साथ ही बड़े ट्रांजैक्शन से मिले अलर्ट के लिए ग्राहक सतर्क हो सके।
आरबीआई के सामने रखा प्रस्ताव बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के सामने अभी यह प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव भेजने से पहले प्राइवेट सेक्टर और सभी पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने विचार विमर्श किया। जिसमें यह कहा गया है कि ग्राहकों को केवल निर्धारित संख्या में या बड़े लेनदेन पर ही अलर्ट भेजा जाना चाहिए। इसके अलावा धोखाधड़ी काम हो सके इसके लिए भी प्रस्ताव दिए गए हैं।
अभी क्या है हाल अभी रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की पॉलिसी के अनुसार बैंकों को एसएमएस अलर्ट के लिए ग्राहकों से सहमति लेनी पड़ती है। इसके अलावा ग्राहकों के द्वारा दिए गए ईमेल आईडी पर ईमेल अलर्ट भेजा जाता है। बैंकों के द्वारा आरबीआई के सामने रखें इस नए प्रस्ताव के अंतर्गत ग्राहक अपनी स्वेच्छा से ₹100 से काम के लेनदेन के लिए एसएमएस अलर्ट बंद करने की विकल्प का चुनाव कर पाएंगे। या ईमेल या ऐप के माध्यम से इसे जारी भी रख सकते हैं।
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