दुनिया की बड़ी टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने हिसाब से बदलाव चाहते हैं। शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे लिसा मोनाको को नौकरी से निकाल दें। लिसा इस साल की शुरुआत में बाइडेन सरकार में उप अटॉर्नी जनरल रह चुकी हैं और अब माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रही हैं।
ट्रंप का कहना है कि मोनाको देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, क्योंकि उनके पास सरकार के कई संवेदनशील कामों की जानकारी है और माइक्रोसॉफ्ट के अमेरिका सरकार के साथ बड़े ऑर्डर भी हैं। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने ट्रंप की बातों पर कोई भी जवाब नहीं दिया।
राजनीतिक तौर पर कई संवेदनशील मामलों में फंसा हुआ माइक्रोसॉफ्ट
लिसा मोनाको की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह इस साल जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन की थीं। उनकी नियुक्ति तब फिर चर्चा में आई जब फॉक्स बिजनेस की एंकर मारिया बार्टिरोमो ने इस खबर को X पर शेयर किया और एक जुलाई में पब्लिश शिकागो विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल के एक लेख का लिंक भी दिया। यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब माइक्रोसॉफ्ट कई राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मामलों में फंसा हुआ है।
उदाहरण के तौर पर, कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि वह एक इजराइली सेना की उस यूनिट को अपनी क्लाउड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेवाएं देना बंद कर देगी, जिस पर फिलिस्तीनी लोगों की निगरानी करने का आरोप है। यह फैसला माइक्रोसॉफ्ट की आंतरिक जांच के बाद लिया गया है। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिकी सरकारी एजेंसियों के साथ 3.1 बिलियन डॉलर के बड़े क्लाउड सर्विसेस के डील पर भी हाल ही में सहमति जताई है, जिससे कंपनी को बड़ी बचत होगी। NBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इसी महीने माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला ने व्हाइट हाउस में टेक्नोलॉजी के दूसरे बड़े नेताओं के साथ डिनर किया था।
दुनिया भर में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और इंटरनेट से जुड़ी सर्विस देती है माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट एक बड़ी टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर कंपनी है जो दुनिया भर में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और इंटरनेट से जुड़ी सर्विस देती है। कंपनी का सबसे पॉपुलर प्रोडक्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो ज्यादातर कंप्यूटर्स में चलता है। इसके अलावा, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस जैसे ऑफिस टूल्स, क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस और गेमिंग (Xbox) में भी यह कंपनी काफी पॉपुलर है। माइक्रोसॉफ्ट का मुख्य मकसद लोगों और कंपनियों की डिजिटल जिंदगी को आसान बनाना है।
ट्रंप का कहना है कि मोनाको देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, क्योंकि उनके पास सरकार के कई संवेदनशील कामों की जानकारी है और माइक्रोसॉफ्ट के अमेरिका सरकार के साथ बड़े ऑर्डर भी हैं। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने ट्रंप की बातों पर कोई भी जवाब नहीं दिया।
राजनीतिक तौर पर कई संवेदनशील मामलों में फंसा हुआ माइक्रोसॉफ्ट
लिसा मोनाको की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वह इस साल जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन की थीं। उनकी नियुक्ति तब फिर चर्चा में आई जब फॉक्स बिजनेस की एंकर मारिया बार्टिरोमो ने इस खबर को X पर शेयर किया और एक जुलाई में पब्लिश शिकागो विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल के एक लेख का लिंक भी दिया। यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब माइक्रोसॉफ्ट कई राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मामलों में फंसा हुआ है।
उदाहरण के तौर पर, कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि वह एक इजराइली सेना की उस यूनिट को अपनी क्लाउड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेवाएं देना बंद कर देगी, जिस पर फिलिस्तीनी लोगों की निगरानी करने का आरोप है। यह फैसला माइक्रोसॉफ्ट की आंतरिक जांच के बाद लिया गया है। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिकी सरकारी एजेंसियों के साथ 3.1 बिलियन डॉलर के बड़े क्लाउड सर्विसेस के डील पर भी हाल ही में सहमति जताई है, जिससे कंपनी को बड़ी बचत होगी। NBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इसी महीने माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला ने व्हाइट हाउस में टेक्नोलॉजी के दूसरे बड़े नेताओं के साथ डिनर किया था।
दुनिया भर में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और इंटरनेट से जुड़ी सर्विस देती है माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट एक बड़ी टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर कंपनी है जो दुनिया भर में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और इंटरनेट से जुड़ी सर्विस देती है। कंपनी का सबसे पॉपुलर प्रोडक्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो ज्यादातर कंप्यूटर्स में चलता है। इसके अलावा, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस जैसे ऑफिस टूल्स, क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस और गेमिंग (Xbox) में भी यह कंपनी काफी पॉपुलर है। माइक्रोसॉफ्ट का मुख्य मकसद लोगों और कंपनियों की डिजिटल जिंदगी को आसान बनाना है।
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