अल्फाबेट इंक. की गूगल एक बार फिर अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) की जांच के घेरे में आ गई है। इस बार अगस्त 2024 में गूगल और कैरेक्टर.एआई के बीच हुई डील जांच का विषय है। यह गैर-अनन्य लाइसेंसिंग समझौता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस बात की जांच की जा रही है कि क्या यह पार्टनरशिप औपचारिक मर्जर समीक्षा से बचने के लिए की गई? एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन? अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा जांच की जा रही है कि गूगल और कैरेक्टर.एआई के बीच का समझौता औपचारिक मर्जर समीक्षा का बचाव तो नहीं है। यदि है ऐसा है तो यह एंटीट्रस्ट कानूनों उल्लंघन है। ऐसी संरचनाएं, जो तकनीकी रूप से अधिग्रहण नहीं होतीं, लेकिन बड़े पैमाने पर तकनीक और प्रतिभा हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करती हैं। विभाग का कहना है कि सिलिकॉन वैली में ऐसी बातें आम हो गई है। गूगल-कैरेक्टर.एआई की डील क्या है?अगस्त 2024 में गूगल और कैरेक्टर.एआई के बीच गैर-अनन्य लाइसेंसिंग डील हुई थी। समझौते के अनुसार कैरेक्टर.एआई की लार्ज लैंग्वेज मॉडल टेक्नोलॉजी का गूगल को इस्तेमाल करने की अनुमति हासिल हो गई। इतना ही नहीं कैरेक्टर.एआई के सह-संस्थापक नोआम शाज़ीर सहित कुछ कर्मचारी भी गूगल में शामिल हो गए। इस डील में कैरेक्टर.एआई निवेशकों को लगभग 2.5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर शेयर बाय आउट करने का प्रावधान भी था। इस डील के बाद भी कैरेक्टर.एआई एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में काम कर रही है और उसकी संपदा पर गूगल का कोई हक नहीं है। जो अमेरिकी न्याय विभाग का जांच का कारण है। क्या प्रतिस्पर्धा को दबाने के लिए हुई है अमेरिकी न्याय विभाग को इस बात की चिंता है कि ऐसी डील छोटी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा को दबाने के लिए की जाती है, जिसका इस्तेमाल बड़े टेक दिग्गज अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए करते हैं। अभी जांच जारी है लेकिन किसी भी पक्ष पर गलत काम का आरोप नहीं लगाया गया है। जवाब देने के लिए तैयार है गूगल गूगल के प्रवक्ता का कहना है कि हम नियामक के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कैरेक्टर.एआई के प्रतिभा हमारी कंपनी में शामिल हुई इससे हम खुश है, लेकिन उसे कंपनी में हमारे पास कोई स्वामित्व हिस्सेदारी नहीं है। दोनों कंपनियां अलग-अलग इकाई के रूप में काम कर रही हैं। बता दे कि इसके पहले गूगल को ऑनलाइन सर्च और डिजिटल विज्ञापन बाजारों में अपना प्रभुत्व के लिए एंटीट्रस्ट मुकदमे का सामना करना पड़ा था। अब यह जांच फिर से गूगल के लिए एक कानूनी चुनौती के जैसी है।
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