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इंटर्न को भी 12 लाख महीना! ट्रेडिंग कंपनियों का नया ट्रेंड

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भारत का स्टॉक मार्केट दुनिया के सबसे बड़े इक्विटी डेरिवेटिव्स बाज़ार में गिना जाता है. यहां हर दिन करोड़ों का लेन-देन होता है. पिछले कुछ सालों में सरकार और सेबी (SEBI) ने निवेशकों को बचाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं.



इन नियमों की वजह से डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में 40% तक की गिरावट आई है. लेकिन इसके बावजूद भारत में हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) कंपनियां तेजी से भर्ती कर रही हैं और शुरुआती स्तर की नौकरियों के लिए शानदार सैलरी भी दे रही हैं.



इंटर्न को 12.5 लाख रुपये महीना!ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि एम्स्टर्डम स्थित IMC Trading BV ने भारत में इंटर्न्स को इस साल ₹12.5 लाख प्रति माह तक का वेतन दिया है. ये 2024 की तुलना में करीब तीन गुना ज्यादा है. वहीं, एक अन्य बड़ी कंपनी Quadeye ने नए कर्मचारियों को ₹7.5 लाख महीना तक की सैलरी दी है, जो पिछले साल की तुलना में 50% ज्यादा है.



अगर तुलना करें तो भारतीय फाइनेंस प्रोफेशनल की औसत सालाना सैलरी करीब ₹7 लाख होती है. यानी जो सैलरी एक आम प्रोफेशनल को पूरे साल में मिलती है, उतनी रकम ये HFT कंपनियां एक इंटर्न को सिर्फ एक महीने में दे रही हैं.



क्यों बढ़ रही है इतनी सैलरी?सवाल ये है कि जब डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में गिरावट आ रही है, तो ये कंपनियां इतनी बड़ी भर्ती क्यों कर रही हैं. इसका जवाब है प्रॉफिट की संभावना.



2024 मार्च तक एक साल में, विदेशी फंड्स और प्रॉपर्टरी ट्रेडिंग डेस्क्स ने एल्गोरिदम ट्रेडिंग के जरिए 7 अरब डॉलर यानी करीब ₹62,000 करोड़ का सकल लाभ कमाया. यानी कमाई की संभावना इतनी ज्यादा है कि कंपनियां टैलेंट को आकर्षित करने के लिए बड़ी रकम खर्च करने को तैयार हैं.



कौन-सी कंपनियां आगे हैं?भारत में कई ग्लोबल और घरेलू HFT कंपनियां सक्रिय हैं, जैसे IMC Trading BV (Amsterdam-based), Quadeye, Estee Advisors, iRage, Citadel Securities (Ken Griffin की कंपनी).



Citadel ने 2022 में गुरुग्राम में अपना ऑफिस खोला था और अब लगातार भर्ती बढ़ा रही है. Tower Research और Citadel ने तो भारत के National Commodity & Derivatives Exchange (NCDEX) में हिस्सेदारी भी खरीदी है.



IIT से सीधी भर्तीइन कंपनियों का टारगेट है कि वे टॉप टैलेंट को शुरू से पकड़ लें. इसलिए IIT जैसे टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को इंटर्नशिप ऑफर की जा रही है. एक इंटर्न को लाखों की सैलरी देकर कंपनियां चाहती हैं कि सबसे अच्छे दिमाग (ब्रेन) उनके साथ जुड़ जाएं.



ट्रेडिंग का बदलता चेहरापिछले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी ने ट्रेडिंग का पूरा खेल बदल दिया है. 2022 तक भारत में 60% डेरिवेटिव्स ट्रेड एल्गोरिदम से किए जाते थे. 2025 तक आंकड़ा बढ़कर 70% से ज्यादा हो गया है.



इसका मतलब है कि अब कंप्यूटर और एल्गोरिदम ही ट्रेडिंग का बड़ा हिस्सा कंट्रोल कर रहे हैं. कंपनियों को ऐसे लोग चाहिए जो क्वांट रिसर्च, कोडिंग, एल्गोरिदम डिजाइन और फाइनेंशियल स्ट्रैटजी में माहिर हों.



सेबी ने हाल ही में न्यूयॉर्क की बड़ी ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर आरोप लगाए कि उन्होंने अपनी टेक्नोलॉजी ताकत का इस्तेमाल करके भारत के बाजार में कीमतों को प्रभावित किया. इस कारण Jane Street को कुछ समय के लिए बैन भी किया गया। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया है.



HFT कंपनियों का कहनाइसके बावजूद भारत में HFT कंपनियों का कहना है कि बाजार से उनकी दिलचस्पी कम नहीं हुई है. बल्कि वे लगातार नई डेस्क खोलने और और ज्यादा लोगों को हायर करने की तैयारी कर रही हैं.



भारत में हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनियां तेजी से बढ़ रही हैं और इंटर्नशिप से लेकर एंट्री-लेवल जॉब्स तक लाखों रुपये महीना सैलरी दे रही हैं. ये ट्रेंड दिखाता है कि अगर आपके पास टेक्नोलॉजी, क्वांट और ट्रेडिंग का ज्ञान है, तो आपके लिए बड़े मौके इंतजार कर रहे हैं.

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