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'मैं तुम्हें टीम से तभी निकालूंगा..', संजू सैमसन ने खोला दिल, बताया कैसे गौतम गंभीर के भरोसे ने बदल दिया करियर का रुख

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डोमेस्टिक क्रिकेट में दिलीप ट्रॉफी से ड्रॉप होने के बाद चर्चा में रहे संजू सैमसन ने पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन से बातचीत में अपने उतार-चढ़ाव भरे करियर और गौतम गंभीर के सपोर्ट पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे लगातार फेल होने के बावजूद गंभीर ने उन पर भरोसा रखा, जिससे उनका आत्मविश्वास लौट आया और बल्ले से धमाकेदार प्रदर्शन निकला।

राजस्थान रॉयल्स के कप्तान और टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ संजू सैमसन हाल ही में दिलीप ट्रॉफी से सीमित उपलब्धता के कारण ड्रॉप होने पर सुर्खियों में थे। अश्विन के यूट्यूब शो #39;कुट्टी स्टोरीज़#39; में उन्होंने खुलासा किया कि लंबे समय तक टीम में आना-जाना उनके लिए मेंटली थकाने वाला अनुभव था।

संजू ने कहा, टीम में ऑन और ऑफ होना लंबे वक्त से हो रहा था, सच कहूं तो आसान नहीं था, अन्ना। मैंने 8-9 साल इंटरनेशनल क्रिकेट खेली, लेकिन सिर्फ 15 मैच खेले थे।rdquo;

इसके बाद उन्होंने बताया कि वर्ल्ड कप के बाद हालात कैसे बदले। गौतम गंभीर टीम से जुड़े और सूर्यकुमार यादव कप्तान बने। सूर्या ने उनसे कहा, चेट्टा(बड़ा भाई), तुम्हारे लिए बड़ा मौका है। अगले सात मैच ओपनर के तौर पर खेलने का मिलेगा।rdquo; लेकिन श्रीलंका में पहले दो मैचों में सैमसन जीरो पर आउट हो गए।

संजू ने कहा, ड्रेसिंग रूम में मैं थोड़ा परेशान था, तभी गौतम भैया आए और पूछा क्या हुआ। मैंने कहा मौका भुना नहीं पाया। तो उन्होंने कहा, lsquo;तो? मैं तुम्हें टीम से तभी निकालूंगा जब तुम 21 बार जीरो पर आउट हो जाओ। उस वक्त मुझे लगा कि ये मुझ पर सच में भरोसा करते हैं और मुझे काफि सुरक्षित महसूस हुआ।rdquo;

गंभीर के इन शब्दों ने कमाल कर दिया। इसके बाद बांग्लादेश सीरीज़ में सैमसन ने शतक जड़ा और 50.00 की औसत से रन बनाए। फिर साउथ अफ्रीका के खिलाफ 4 मैचों में दो शतक ठोककर उन्होंने साबित कर दिया कि गंभीर का भरोसा बेकार नहीं गया।

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संजू का यह खुलासा दिखाता है कि सही वक्त पर मिला भरोसा और सपोर्ट किसी खिलाड़ी का करियर पूरी तरह बदल सकता है।

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