प्रेगनेंसी के दौरान अगर किसी महिला को बीमारी होती है, तो इसका असर सिर्फ उसकी सेहत पर नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है। डायबिटीज और थाइराइड जैसी समस्याएं तो सामान्य हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को हार्ट से जुड़ी बीमारियां जैसे हार्ट बीट का असमान होना, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। लेकिन क्या इन बीमारियों का असर होने वाले बच्चे पर भी पड़ सकता है? आइए जानते हैं इस बारे में डॉक्टरों से।
हार्ट की बीमारी का असर प्रेगनेंसी पर:
डॉक्टरों का कहना है कि अगर गर्भवती महिला को हार्ट की कोई गंभीर बीमारी हो, जैसे कि हार्ट बीट का अचानक कम या ज्यादा होना, हाई बीपी या हार्ट ब्लॉकेज, तो इसका असर बच्चे पर भी हो सकता है। गर्भवती महिला को हार्ट की बीमारी होने पर प्रेगनेंसी के दौरान समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ सकता है, जिससे बच्चे को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चे का कम वजन:
हार्ट की बीमारी से पीड़ित गर्भवती महिलाओं में बच्चे का कम वजन होने का खतरा भी बढ़ सकता है। कम वजन वाले बच्चों को संक्रमण और धीमे विकास जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हार्ट की बीमारी की वजह से महिला में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो बच्चे के विकास और स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। इसके अलावा, हार्ट की बीमारी के लिए दी जाने वाली दवाएं भी बच्चे पर प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर से परामर्श कर दवाओं का सेवन सावधानी से करना चाहिए।
डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी:
डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी महिला को प्रेगनेंसी के दौरान हार्ट की बीमारी है तो उसे खानपान, लाइफस्टाइल और सभी मेडिकल चेकअप्स पर पूरा ध्यान देना चाहिए। नियमित रूप से डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अगर कोई समस्या हो तो तुरंत इलाज करवाना चाहिए।
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