नागौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 20 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग (प्रथम) में स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करने तीन दिवसीय दौरे पर आए सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को 'पंच परिवर्तन' पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन कार्यक्रम को सुचारू रूप से क्रियान्वित कर समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। पंच परिवर्तन के पांच आयामों में नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन, सामाजिक समरसता, आत्मबोध यानी स्वदेशी और कुटुंब प्रबोधन शामिल हैं। कार्यक्रम में इन पांच परिवर्तनों का महत्व समझाया गया।
स्वयंसेवकों को पांच बातों के साथ आगे बढ़ना होगा
नागौर शहर के शारदा बाल निकेतन में चल रहे आरएसएस के जोधपुर, जयपुर और चित्तौड़गढ़ तीनों प्रांतों के 40 वर्ष तक की आयु के 284 स्वयंसेवक इसमें भाग ले रहे हैं। इसमें मोहन भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों को इन पांच बातों के साथ आगे बढ़ना होगा।
इस बार शताब्दी वर्ष में कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं होगा
मोहन भागवत ने कहा कि इस बार शताब्दी वर्ष पर संघ कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं करेगा, बल्कि गांव-ढाणियों में शाखाओं के माध्यम से इसे समाज तक ले जाएगा। संघ का मानना है कि अगर यह आचरण अपनाया गया तो ऐसा माहौल बनेगा, जिससे समाज में बदलाव आएगा। भागवत बुधवार को रवाना होंगे।
हिंदू समाज को मजबूत करने की जरूरत
शिविर में बांग्लादेश और अन्य जगहों पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और हमलों पर भी चर्चा की गई। मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू समाज को मजबूत करना होगा। हिंदू का बहुत अच्छा स्वरूप ही भारत को बहुत अच्छा देश बनाएगा। यह उन लोगों को साथ लेकर चल सकेगा, जो भारत में खुद को हिंदू नहीं कहते। यदि भारत का हिंदू समाज मजबूत हो जाएगा तो विश्व भर के हिंदुओं को स्वतः ही इसका लाभ मिलेगा।
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