राजस्थान विधानसभा एक बार फिर 199 के मामले में फंस गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को भाजपा विधायक कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द कर दी। मीना की सदस्यता समाप्त होने के साथ ही विधानसभा के सदस्यों की संख्या 200 से घटकर 199 हो गई है। मीना को एक आपराधिक मामले में हाईकोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी।
मीणा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को इस याचिका को खारिज कर दिया और कंवरलाल मीना को कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए। मीना ने बुधवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया।इस बीच, कांग्रेस आज इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी इस मामले में पक्षपात कर रहे हैं। इसलिए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आज मीना की बर्खास्तगी को लेकर जयपुर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर आगामी बुधवार को सुनवाई होनी थी।
आपको बता दें कि मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर उन्हें कंवरलाल मीना की सदस्यता समाप्त करने के संबंध में ज्ञापन दिया था। इस ज्ञापन में कांग्रेस ने लिखा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी स्पीकर ने कंवरलाल मीना की सदस्यता समाप्त नहीं की है। साथ ही यह भी लिखा था कि कांग्रेस के बार-बार आग्रह के बाद भी स्पीकर ने इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया। ज्ञापन में कहा गया था कि विधानसभा की गरिमा को बचाने के लिए उन्हें कंवरलाल मीना की सदस्यता तुरंत प्रभाव से समाप्त करनी चाहिए। गौरतलब है कि साल 2005 में झालावाड़ के मनोहर थाना क्षेत्र में उप सरपंच चुनाव के बाद दोबारा मतदान की मांग को लेकर मीना ने एसडीएम पर पिस्तौल तान दी थी।
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