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राजस्थान के इस जिले में मिलावटखोरी का खुलासा! 976 में से 260 खाद्य नमूने फेल, स्वास्थ्य विभाग की जांच से मचा हड़कंप

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अलवर जिले में स्वास्थ्य विभाग 'शुद्ध आहार मिलत पर वार' अभियान के तहत मिलावटखोरों पर नकेल कसने का प्रयास कर रहा है। लेकिन मिलावटखोर आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से पिछले माह खाद्य पदार्थों के 976 नमूने लिए गए थे। इनमें से 260 नमूने जांच में फेल हो गए। सीएमएचओ डॉ. योगेंद्र शर्मा ने बताया कि जांच में खाद्य पदार्थों के 248 नमूने घटिया, 10 असुरक्षित और 2 नकली पाए गए। उन्होंने बताया कि घटिया पाए गए खाद्य पदार्थों में अधिकांश नमूने दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर, घी और मावा मिठाई आदि के थे तथा असुरक्षित नमूनों में अधिकांश नमूने मसालों के थे।

सेंगर एग्रो इंडस्ट्रीज एमआईए का लाल मिर्च पाउडर असुरक्षित और घटिया पाया गया। इसके अलावा जैन मसाला उद्योग केडलगंज का लाल मिर्च पाउडर, मुस्ताकन मिष्ठान भंडार लक्ष्मणगढ़ रोड बाइपास मालाखेड़ा और गिरधारी मिष्ठान भंडार गोविंदगढ़ रोड रामगढ़ का बेसन का लड्डू, जय अंबे मिष्ठान भंडार खेरली का रिफाइंड सोयाबीन तेल, ओम जोधपुर स्वीट्स होम नंगली सर्कल का अंजीर कालू सैंडविच मिठाई, योगेश मिष्ठान भंडार मोहना बाबा की प्याऊ अलवर और बालाजी मिष्ठान भंडार नारायणपुर का बेसन का लड्डू। मां करणी जोधपुर मिष्ठान भंडार मालाखेड़ा का कलाकंद और जुनैद खान छापड़ डीग का घी का नमूना जांच में असुरक्षित पाया गया। इसी प्रकार अमन मिल्क प्रोडक्ट खैरथल का मीठा केक और खाटू श्याम फास्ट फूड लक्ष्मणगढ़ का मैंगो ड्रिंक मिस ब्रांड पाया गया।

सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थों के मामले में विभाग की ओर से अप्रैल 2024 से अप्रैल 2025 तक एडीएम कोर्ट में 220 तथा सीजेएम कोर्ट में 2 मामले पेश किए गए। इस दौरान सक्षम न्यायालय की ओर से 317 मामलों में 70 लाख 14 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि घटिया खाद्य पदार्थ मिलने पर 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का नियम है। जबकि असुरक्षित खाद्य पदार्थ पाए जाने पर कारावास का प्रावधान है।

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