उज्जैन। महाकालेश्वर भगवान मंदिर के गर्भगृह में विराजे हैं। भू-तल पर ओंकारेश्वर मंदिर है। वहीं मंदिर शिखर के द्वितीय तल पर नागचंद्रेश्वर मंदिर है। मंदिर के पट वर्ष में एक बार नागपंचमी पर खुलते हैं और 24 घण्टे तक दर्शन का सिलसिला सतत चलता है। इस बार भी सोमवार रात 12 बजे पट खुले और मंगलवार रात्रि 12 बजे पूजन-आरती पश्चात पट एक वर्ष के लिए बंद हो गए। इस दौरान दर्शन का सिलसिला सतत चलता रहा।
ऐसा समय भी रहा जब दर्शनार्थियों की कतार करीब दो किलोमीटर तक लम्बी हो गई। ऊपर से बारिश का सिलसिला जारी रहा। यह सब होता रहा ओर श्रद्धा का सैलाब अपनी जगह दर्शन के लिए कतार में डटा रहा। आठ फिट चौड़ी बेरीकेडिंग में महिला-पुरूष-वृद्ध और बच्चे जय महाकाल का घोष कर आगे बढ़ते रहे। उनका एक ही लक्ष्य था, नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन करना। जिला पुलिस एवं प्रशासन द्वारा दर्शन की बेहतर व्यवस्था की गई थी।
राजस्व एवं पुलिस अमला सोमवार को महाकाल की सवारी की ड्यूटी से निपटा और सीधे नागचंद्रेश्वर मंदिर तथा परिसर में नागपंचमी के चलते दर्शन व्यवस्था में जुट गया। यहां तीन पारियों में अमला सतत 48 घण्टे तक ड्यूटी दे रहा था। अधिकारियों से लेकर जवानों तक ने न भूख की परवाह की न ही बारिश में गिले बदन की। सभी का एक ही लक्ष्य था-श्रद्धालुओं को बिना परेशानी के दर्शन करवाना ओर परिसर से बाहर सुरक्षित निकालना। करीब दो हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया वहीं ड्रोन और सीसीटीवी केमरों की मदद से व्यवस्थाओं पर कड़ी निगरानी रखी गई थी । पार्किंग से लेकर कहीं भी जाम न लगे, इस ओर भी सतत निर्देश कलेक्टर रोशनकुमार सिंह एवं एसपी प्रदीप शर्मा द्वारा दिए जा रहे थे ।
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